उत्तराखंड का रियल मुक्केबाज़| मुक्केबाज़ी इनका पैशन और प्रोफेशन है cover story story by TeamYouthuttarakhand - January 1, 2018January 23, 2018 बहादूर राणा सवार हो जाये अगर सर पर , की कुछ पाना है तो फिर क्या रह जायेगा इस दुनिया में जो हाथ नहीं आना है ! आज आपको एक ऐसे ही उत्तराखंडी अल्मोड़ा के मुक्केबाज़ी के बारे में उनकी ही जुबानी एक ऐसी कहानी बता रहे है जिसे आजतक आपने नहीं सुनी होगी बाहदुर राणा साधारण परिवार से तालुक रखते है जिनका जन्म 7-11-1992 को अल्मोड़ा डिस्ट्रिक्ट सोमेश्वर के चनौदा स्थित तीताकोट गांव का रहने वाले हैं उनके बड़े भाई ने मुक्केबाज़ी में उनका हौसला बढ़ाया ! बाहदुर राणा ने बताया कैसे उसके बड़े भाई ने उन्हें मुक्केबाज़ी के लिए प्रेरित किया ! कक्षा 6 तक चनौदा इंटर कॉलेज अल्मोड़ा में पढ़ाई की उसके बाद दिल्ली में पढ़ा उनके बड़े भाई मित्र सिंह राणा पहले से ही मुक्केबाज़ी करते थे वो इंदरगहि हॉस्टल दिल्ली में रहते थे वो जब रूम आते थे तो वो रूम में भी बैग टेक प्रैक्टिस करते थे जब भी वो बाहर जाते थे तो तब में अकेले में प्रैक्टिस करता था! एक दिन उन्होंने मुझे देख लिया फिर उन्होंने मुझे बॉक्सिंग में डाल दिया वो एक बहुत अच्छे बॉक्सर थे दिल्ली में वो 52 kg में खेलते थे उसके बाद वो सिग्नल रेजिमेंट में भर्ती हो गये अभी उनकी 14 साल जॉब को हो गये है वो अभी असम में तैनात है उनके भर्ती होने के बाद में काशीपुर S. A. I हॉस्टल में ट्रेनिगं की वहां से मैने नेशनल खेले और मैडल जीते उसके बाद 2015 में भर्ती हो गया और जब में भर्ती हुआ मेरे सहाब हरिकिशन सिंह बेलवाल ने मेरी बहुत मदद की भर्ती होने में मेरी हाइट की छूट मांगी उनको कभी नहीं भूल सकता हू और भर्ती होने के बाद फिर मैने दो बार सर्विस में गोल्ड लिया और नेशनल में मैडल जीता उसके बाद इंडिया कैंप मे गया वहां इंटरनेशनल खेला वहा गोल्ड और बेस्ट बॉक्सर मिला अपने तीनो भाइयो ने भी उसकी बहुत मदत की है रमेश सिंह राणा मित्र सिंह राणा गोविन्द सिंह राणा | बहादूर राणा ने अपने पिता को प्रेरणा स्रोत बताया जिन्होंने कठिन हालत में भी बहुत मेहनत की और मुझे आगे बढ़ने हौसला दिया ! खासकर अपने सहाब .सूबेदार हरिकिशन सिंह बेलवाल का जिंदगी भर एहसान नहीं भूलूंगा! बाहदुर राणा ये है उत्तराखंड का रियल मुक्केबाज़ जिनका मुक्केबाज़ी पैशन और प्रोफेशन है इस मुक्केबाज़ ने राज्य का नाम रोशन किया है। अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर में तीताकोट के रहने वाले बहादुर राणा को सेना के अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में मुक्केबाजी में स्वर्ण पदक जीता है बहादुर सिंह राना ने दंगल फाइनल मैच में सिंगापुर के स्टीफन को 5-0 से हराकर यह उपलब्धि हासिल की है। वह इससे पहले भी देश व सेना के लिए कई मैडल जीत दिला चुके है | जब भी छुट्टी मिलती है बाहदुर अपने पैतृक गाँव अल्मोड़ा में रहना पसंद करते है युथ उत्तराखंड उनके उज्वल भविष्य की कामना करता है ! ऐसे ही वो अपने देश प्रदेश और भारतीय सेना का नाम गर्व से ऊंचा करें ! शेयर और कमेंट करना न भूले | शेयर करें ताकि अन्य लोगों तक पहुंच सके और प्रदेश का प्रचार व प्रसार हो सके। देवभूमि उत्तराखंड के रंग यूथ उत्तराखंड के साथ टीम यूथ उत्तराखंड Share on Facebook Share Share on TwitterTweet Share on Pinterest Share Share on LinkedIn Share Share on Digg Share