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अगनेरी माता मंदिर – चौखुटिया

रंगीली गेवाड़,चौखुटिया में रामगंगा नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध व पौराणिक अगनेरी माता मंदिर प्राचीन काल से ही श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का केंद्र रहा है।

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मंदिर का इतिहास:

मान्यता है कि अगनेरी मंदिर की स्थापना कत्यूरी शासन में हुई। किन जानकार लोगों का मानना है कि  कहते हैं  तब यहां पर कत्यूरी शासकों की कुलदेवी मां-भगवती का छोटा मंदिर था। वर्ष 1900 में गेवाड़ घाटी क्षेत्र के सम्मानित लोगों के सहयोग से  पुराने मंदिर का जीर्णोद्घार कर  मंदिर को नया स्वरूप दिया गया।मंदिर में अष्टभुजा खडगधारिणी महिषासुर मर्दनी भगवती माता की मूर्ति स्थापित की गई।जो वर्ष 1970 में चोरी हो गई।इसके बाद मां काली की नई मूर्ति की स्थापना की गई।1902 से यहां पर चैत्राष्टमी मेला लगता है। कहावत है कि एक बार गेवाड़ घाटी में महाबीमारी का प्रकोप बढ़ गया। इससे निजात के लिए मैया मंदिर की स्थापना की गई।

मंदिर का निर्माण पौराणिक शैली में किया गया है। मंदिर पर लगे कई पत्थरों पर विभिन्न सुंदर आकृतियां बनाई गई हैं।मंदिर को भव्य रूप तो दे दिया गया है,लेकिन मंदिर पर लगे पत्थर यथावत हैं।अगनेरी मंदिर में स्थापित मां काली के प्रति श्रद्धालुओं की अटूट श्रद्धा है।परिसर में अन्य कई देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं।  प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र के दौरान चैत्राष्ठमी का विशाल मेला लगता है नवरात्र में तो मैया के दर्शन को लंबी लाइन लग जाती है।साथ ही समय-समय पर कथाएं व अन्य धार्मिक आयोजन भी होते रहते हैं। मां-अगनेरी मैया सबकी मनोकामना पूर्ण करती है। दूर-दूर से पहुंचकर श्रद्घालु मां के दरबार में शीश नवाकर मन्नतें मांगते हैं। मन्नतें पूर्ण होने पर फिर मंदिर में पूजा देते हैं। यह क्रम पूरे सालभर चलता रहता है।

 

जय हो मां अगनेरी देवी🙏

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