सहजधारी सिख नेगी story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - May 4, 2020May 7, 2020 रीठाखाल, पौड़ी गढ़वाल के बगल में एक रमणीक गांव है- बिजोली। वहाँ विना पगड़ी वाले, जिनको सहजधारी सिख कहते हैं, उन लोगों के परिवार रहते हैं। वे नेगी लोग मुण्डन(सिर के बाल कटवाने) के अतिरिक्त हिन्दू धर्म के अनुसार ही अपने शेष सभी पंद्रह संस्कार करते हैं। बिजोली गांव के ऊपर
धरती पर स्वर्गलोक पांडव-खोली story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - April 21, 2020April 21, 2020 द्वाराहाट ( अल्मोडा़ ) से 25 km आगे है ये विस्मरणीय स्थल ।। जहा़ 4 km की चडा़ई है और अंत मे आता है एक विहंगम दृश्य जो कठिन रास्ते की थकान को पल मे गायब कर देता है ।।।महाभारत कालीन घटनाओं से जुड़े समुद्रतल से 8800 फुट की ऊंचाई
गढ़वाल में राजपूत जातियों का इतिहास story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - April 10, 2020April 10, 2020 गढ़वाल क्षेत्र में निवास करने वाली राजपूत जातियों का इतिहास काफी विस्तृत है। यहां बसी राजपूत जातियों के भी देश के विभिन्न हिस्सों से आने का इतिहास मिलता है। 1-परमार (पंवार)-इनकी पूर्व जाति परमार है। ये यहां धार गुजरात से सम्वत 945 में आए। इनका गढ़ गढ़वाल राजवंश है। 2-कुंवरः ये पंवार
राइफलमैन जसवंत सिंह रावत हीरों ऑफ़ नेफा चीन युद्ध की कहानी story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - December 19, 2018January 3, 2019 यह सच्ची गाथा है एक वीर सैनिक की। भारत मां के इस सच्चे सपूत की जिंदगी तो देश की रक्षा के लिए समर्पित थी ही, यह सैनिक शहीद होने के बाद भी आज तक सीमा की सुरक्षा में लगा है। यह जांबाज सैनिक था जसवंत सिंह रावत। इसकी बहादुरी के
राजुला-मालूशाही story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - October 9, 2018October 9, 2018 राजुला-मालूशाही उत्तराखंड हिमालयी क्षेत्र की एक अमर प्रेम कहानी है. प्रेम के प्रतिरोधों, विरोधों, विपरीतपरिस्थितियों, समाज एवं जातिगत बंधनों में उलझ कर सुलझ जाने वाली इस कहानी में प्रेम पथिकों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा........जरूर पढ़ें!!!! उत्तराखंड में जब कत्यूर राज वंश के के राजा दुलाशाह का शाशन और राजधानी
गढ़वाल की बहादुर महारानी कर्णावती “नाक काटी रानी” story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - August 31, 2018August 31, 2018 इतिहास के पन्नों के बीच एक और गाथा दर्ज है।मुगल सैनिकों की नाक काटने वाली गढ़वाल की रानी कर्णावती गढ़वाल की बहादुर महारानी कर्णावती "नाक काटी रानी" गढ़वाल राज्य को मुगलों द्वारा कभी भी जीता नहीं जा सका.... ये तथ्य उसी राज्य से सम्बन्धित है. यहाँ एक रानी हुआ
पौड़ी अतीत के झरोखे से story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - May 27, 2018June 11, 2018 पौड़ी अतीत के झरोखे से। भारतीय उपमहाद्वीप में मानव संस्कृति का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना इतिहास गढ़वाल के हिमालयी क्षेत्र का भी है. ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार उत्तराखंड के पहाड़ों में सबसे पहले राजवंश ‘कत्यूर राजवंश’ का जिक्र मिलता है. कत्यूरों
बद्रीनाथ धाम Spiritual Story Historical by TeamYouthuttarakhand - May 9, 2018May 18, 2018 बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित है| बदरीनाथ मंदिर , जिसे बदरीनारायण मंदिर भी कहते हैं,। यह मंदिर भगवान विष्णु के रूप बदरीनाथ को समर्पित है। यह हिन्दुओं के चार धाम में से एक धाम भी है। बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के साथ ही साथ देश के
गॊलू दॆवता ~ न्याय के देवता Spiritual story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - January 28, 2018January 30, 2018 उत्तराखंड के गोलू देवता न्याय के देवता हैं। अल्मोड़ा, चंपावत और घोड़ाखाल में इनका पवित्र मंदिर स्थित है। जब लोगों की मुराद पूरी हो जाती है तो वह मंदिर में घंटियां चढ़ाकर जाते हैं। इन मंदिरों में लगी अनगिनत घंटियां यहां से किसी के भी खाली हाथ न जाने की
उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली Story Historical by TeamYouthuttarakhand - January 11, 2018January 12, 2018 8 अगस्त 1661 में जन्मी पहाड़ की बेटी वीर वीरांगना तीलू रौतेली सत्रहवीं शताब्दी के उतरार्ध में गुराड गाँव परगना चौंदकोट गढ़वाल में जन्मी अपूर्व शौर्य संकल्प और साहस की धनी इस वीरांगना को गढ़वाल के इतिहास में झांसी की रानी कहकर याद किया जाता है ! 15 से 20