रम्माण उत्तराखंड की सांस्कृतिक विश्वधरोहर Fair-Festivalis by TeamYouthuttarakhand - January 25, 2018September 12, 2019 रम्माण उत्सव उत्तराखंड के चमोली जनपद के सलूड़-डुंग्रा गांव में प्रति वर्ष अप्रैल माह में ‘रम्माण’ उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव को 2009 में यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया है।रम्माण का आधार रामायण की मूलकथा है और उत्तराखण्ड की प्रचीन मुखौटा परम्पराओं के साथ जुड़कर रामायण ने स्थानीय रूप ग्रहण किया। उत्तराखण्ड के चमोली जनपद के सलूड़-डुंग्रा गांव में प्रति वर्ष अप्रैल माह में ‘रम्माण’ उत्सव का आयोजन किया जाता है। सलूड़गांव की ये 500 साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत है. इसमें पूरी रामकथा गीत और नृत्य के जरिए प्रस्तुत की जाती है.रम्माण को 2009 में यूनेस्को ने विश्वधरोहर घोषित किया है। यह उत्सव सलूड़ गांव में प्रतिवर्ष अपै्रल में आयोजित होता है। इस गांव के अलावा डुंग्री, बरोशी, सेलंग गांवों में भी रम्माण का आयोजन होता है। इसमें सलूड़ गांव का रम्माण ज्यादा लोकप्रिय है। इसका आयोजन सलूड़-डुंग्रा की संयुक्त पंचायत करती है। रम्माण एक पखवाड़े तक चलने वाले विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक श्रृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, प्रहसन, स्वांग, मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं। । रम्माण मेला कभी 11 दिन तो कभी 13 दिन तक भी मनाया जाता है। यह विविध कार्यक्रमों, पूजा और अनुष्ठानों की एक शृंखला है। इसमें सामूहिक पूजा, देवयात्रा, लोकनाट्य, नृत्य, गायन, मेला आदि विविध रंगी आयोजन होते हैं। इसमें परम्परागत पूजा-अनुष्ठान तथा मनोरंजक कार्यक्रम भी आयोजित होते है। यह भूम्याल देवता के वार्षिक पूजा का अवसर भी होता है एवं परिवारों और ग्राम-क्षेत्र के देवताओं से भेंट करने का मौका भी होता है। गणतंत्र दिवस परेड-2016 (नई दिल्ली) के अवसर पर उत्तराखण्ड की झांकी लोगो के आकर्षण का केन्द्र रही थी उत्तराखंड की झांकी ‘रम्माण’ ने मचाई राजपथ पर धूम थी 2016 गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर ‘रम्माण’ पर आधारित उत्तराखण्ड की झांकी प्रदर्शित की गई। नाना प्रकार के मुखौटों से युक्त इस झांकी के अग्रभाग में नरसिंह देवता को प्रतिबिम्बित करता मुखौटा तथा उत्तराखण्ड के लोकवाद्य भंकोर बजाते हुए कलाकारों एंव झांकी के मध्य भाग में रम्माण नृत्य व पृष्ठ भाग में भूमियाल देवता का मंदिर व हिमालय को दर्शाया गया है। उत्तराखण्ड की झांकी की दर्शकों द्वारा सराहना की गई। गणतंत्र दिवस 2018 ग्रामीण पर्यटन पर रहेगी इस बार उत्तराखंड की झांकी। शेयर और कमेंट करना न भूले | शेयर करें ताकि अन्य लोगों तक पहुंच सके और हमारी संस्कृति का प्रचार व प्रसार हो सके ॥। देवभूमि उत्तराखंड के रंग युथ उत्तराखंड के संग🙏 Share on Facebook Share Share on TwitterTweet Share on Pinterest Share Share on LinkedIn Share Share on Digg Share