भमोरा: औषधीय गुणों से समृद्ध हिमालयन स्टोबेरी Swarojgar AatmNirbhar Uttarakhand by TeamYouthuttarakhand - August 2, 2021August 2, 2021 देवभूमि उत्तराखंड अपने नैसर्गिक सुंदरता के साथ-साथ असंख्य प्राकृतिक बहुमूल्य औषधीय पादपो के लिए जाना जाता है। उत्तराखंड मे पाये जाने वाले जंगली फल न केवल स्वादिष्ट व सेहत के लिए लाभदायक होते है बल्कि लोक संस्कृति मे भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ० अनिल जोशी कहते है कि उत्तराखंड मे पाये जाने वाले जंगली फल पौष्टिकता के साथ-साथ इकोलॉजिकल तथा इकोनामिक वैल्यू से लबरेज है जो कि स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने मे अहम भूमिका निभाते है। हिमालयी क्षेत्रों मे पाये जाने वाला एक प्रसिद्ध प्राकृतिक जंगली फल है- भमोरा। भमोरा कॉरनेसेई कुल का पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम कॉर्नस कैपिटाटा है। स्थानीय भाषा मे इसे मोर, भमोरा या बमोरा भी कहते है। भारत के अलावा चीन, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया आदि देशो मे सामान्यतः 1000 से 3000 मीटर की ऊंचाई तक यह पौधा प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। भमोरा सितंबर से नवंबर के मध्य पकने के बाद स्टोबेरी की तरह लाल हो जाता है, इसलिए इसे हिमालयन स्टोबेरी के नाम से भी जाना जाता है। भमोरा का फल प्राकृतिक रूप से जंगलों मे बहुत कम मात्रा मे मिलता है। चरावाहे तथा जंगली जानवर (विशेषकर भालू) इसे बड़े चाव से खाते है। पौष्टिक तथा औषधीय गुणों से भरपूर भमोरा के फल मे लगभग 300 किलो कैलोरी ऊर्जा, 50% जल, 10.43% फाइबर 2.5 8% प्रोटीन 2.5% वसा, 0.46 मिलीग्राम पोटैशियम तथा 0.07 मिलीग्राम फास्फोरस प्रति 100 ग्राम तक पाया जाता है। वर्ष 2005 मे डॉ० सिंह तथा डॉ० ठाकुर ने भमोरा के औषधीय गुणों पर शोध करके बताया कि भमोरा की जड़ों मे पर्याप्त मात्रा मे पॉलीफिनोल पाया जाता है, जिसका इस्तेमाल फार्मास्यूटिकल कंपनियों द्वारा औषधी निर्माण मे किया जाता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार भमोरा के फल मे 15 गुना ज्यादा एंथोसाइएनिन पिगमेंट पाया जाता है। भमोरा मे पर्याप्त मात्रा मे टेनिन पाया जाता है जिसे कुनीन के विकल्प के रूप मे भी प्रयोग किया जाता ह भमोरा के फलो मे उच्च रक्तचाप तथा हाइपरटेंशन जैसी बीमारियो को दूर करने की क्षमता होती है। इसके अलावा खांसी, जुखाम, मूत्र रोग, अतिसार आदि रोगो के निवारण के साथ-साथ लीवर तथा किडनी की समस्याओ से भी निजात पाया जा सकता है। उत्तराखंड मे पाए जाने वाला जंगली फल भमोरा तथा अन्य औषधीय पादपो का विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन कर उनकी आर्थिक क्षमता का आकलन किया जाए तो यह प्रदेश की जंगली उत्पादों को विश्व भर मे एक नई पहचान दिलाने मे सक्षम है। यदि सरकार इन बहुउद्देशीय औषधीय पादपो के आर्थिक महत्व पर वैज्ञानिक शोध करके लोगो को स्वरोजगार से जोड़ दे तो पहाड़ो से पलायन जैसी समस्या से भी काफी निजात पाया जा सकता है। भरत गिरी की लेखनी Share on Facebook Share Share on TwitterTweet Share on Pinterest Share Share on LinkedIn Share Share on Digg Share