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सेम मुखेम 5वॉ धाम टिहरी गढ़वाल

सेम मुखेम 5वॉ धाम प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बसा ये धाम अपने अंदर बहुत सी सक्तियाँ समेटे हुये है सड़क से लगभग 2 3 किलोमीटर की चढ़ाई के बाद इस धाम के दर्शन होते है श्रद्धालु इस सेम नागराज के नाम से भी जानते है
सेममुखेम नागराज उत्तराखण्ड के टिहरी गढ़वाल जिला में स्थित एक प्रसिद्ध नागतीर्थ है। श्रद्धालुओं में यह सेम नागराजा के नाम से प्रसिद्ध है।
इस मंदिर नागराज फन फैलाये हैं और भगवान कृष्ण नागराज के फन के ऊपर वंशी की धुन में लीन हैं। मन्दिर में प्रवेश के बाद नागराजा के दर्शन होते हैं। मन्दिर के गर्भगृह में नागराजा की स्वयं भू-शिला है। ये शिला द्वापर युग की बतायी जाती है। मन्दिर के दाँयी तरफ गंगू रमोला के परिवार की मूर्तियाँ स्थापित की गयी हैं। सेम नागराजा की पूजा करने से पहले गंगू रमोला की पूजा की जाती है। यह माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान श्री कृष्ण कालिया नाग का उधार करने आये थे। इस स्थान पर उस समय गंगु रमोला का अधिपत्य था श्री कृष्ण ने उनसे यंहा पर कुछ भू भाग मांगना चाहा लेकिन गंगु रमोला ने यह कह के मना कर दिया कि वह किसी चलते फिरते राही को जमीन नही देते। फिर श्री कृष्ण ने अपनी माया दिखाई ततत्पस्चात गंगु रमोला ने इस सर्त पे कुछ भू भाग श्री कृष्ण को दे दिया कि वो एक हिमा नाम की राक्षस का वध करेंगे जिस से कि वो काफी परेसान थे। धाम से 2km की दूरी पर एक सीला मौजूद है जिसे यहाँ दगड़ियाण ढुंगु बोला जाता है यह सीला पूरे हाथ से नही हिलती है जबकि एक छोटी उंगली से हिलने लगती है

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