You are here
Home > Travel > रानीखेत पहाड़ो की रानी

रानीखेत पहाड़ो की रानी

Ranikhet

रानीखेत को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। प्रकृति का अनुपम सौंदर्य रानीखेत के कण−कण में बिखरा पड़ा है। यहां पर दूर−दूर तक फैली घाटियां, घने जंगल तथा फूलों से ढंके रास्ते व ठंडी मस्त हवा पर्यटकों का मन बरबस ही मोह लेती है।
रनीखेत एक बहुत ही प्यारा और छोटा सा हिल स्टेशन हैं। रानीखेत उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित हैं। Ranikhet से बर्फ से ढकी मध्य हिमालय की पहाड़ियां भी दिखाई देती हैं। रानीखेत समुद्र तल से 1824 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह हिल स्टेशन बहुत छोटा है लेकिन बेहद खूबसूरत है। रानीखेत शहर अपने पुराने मंदिरों के लिए काफी मशहूर है। पहाड़ियों के आंचल में बसा रानीखेत फ़िल्म निर्माताओं को भी बहुत पसन्द आता है। इस हिल स्टेशन का प्रकृति सौंदर्य देखने लायक हैं। रानीखेत की मनमोहक सुंदरता के बारे में एक बार नीदरलैंड के राजदूत ने कहा था कि, जिसने रानीखेत को नहीं देखा उसने भारत को नहीं देखा।

एक स्थानीय लोक कथा के मुताबिक रानीखेत का नाम रानी पद्मिनी के नाम पर रखा गया हैं। रानी पद्मिनी राजा सुखदेव की पत्नी थीं। रानीखेत की सुंदरता से राजा और रानी बहुत ज्यादा प्रभावित हुए और वे अक्सर ग्रीष्मकालीन में विश्राम करने Ranikhet आया करते थे। फिर उन्होंने वहीं रहने का फैसला कर किया। 3 मई 1815 को गोरखाओं द्वारा कुमाऊं को ब्रिटिश शासकों के हाथ में सौंप दिया गया था। ब्रिटिश सरकार ने छुट्टियों में मौज-मस्ती के लिए रानीखेत को हिल स्टेशन बनाया और 1869 में यहां कई छावनियां बनवाईं जो अब ‘कुमांऊ रेजीमेंट सेंटर’ है। रानीखेत में ज़िले की सबसे बड़ी सेना की छावनी स्थापित हैं, जहाँ सैनिकों को ट्रेनिंग दी जाती हैं।
Ranikhet का प्रकृति सौंदर्य
रानीखेत की सुंदरता को शब्दों में बयान करना मुमकिन नहीं है। यहां पर देश-विदेश से लोग प्रकृति सौंदर्य को देखने आते हैं। जो भी रानीखेत की एक बार सुंदरता देख लेता हैं वो इसकी सुंदरता देखे बिना रह नहीं पातें। यहां पर बादलों को चूमते हुए पहाड़, सुंदर घाटियां, चीड़ और देवदार के ऊंचे-ऊंचे पेड़, घने जंगल, फूल लताओं से ढके संकरे मार्ग, टेढ़ी-मेढ़ी जलधारा, प्राचीन मंदिर, आसमान में उड़ते तरह-तरह के पक्षी आदि अद्भुत सौंदर्य आकर्षण का केन्द्र है। रानीखेत एक बहुत ही मजेदार टूरिस्ट प्लेस है, यहां का पूरा क्षेत्र काफी साफ-सुथरा रहता है। Ranikhet की खूबसूरती स्वर्ग से कम नहीं है, यहाँ की खूबसूरत वादियां लोगों का दिल जीत लेती हैं। रानीखेत उन जगहों में से एक है, जहाँ लोग घूमने-फिरने के लिए बार-बार आते हैं। इसकी सुंदरता देखने लायक हैं।

रानीखेत के प्रमुख दर्शनीय स्थल

  • चिलियानौला
  • गोल्फ मैदान
  • चौबटिया गार्डन
  • शीतला खेत
  • धोलीखेत
  • द्वाराहाट
  • दूनागिरि
  • मजखाली
  • खड़ी बाजार
  • कटारमल सूर्य मन्दिर
  • माँ कलिका मंदिर
  • बिन्सर महादेव मंदिर
  • कटारमल सूर्य मन्दिर
  • हेड़ाखान मंदिर
  • झूला देवी मंदिर
  • कुमाऊँ रेजिमेंट का संग्रहालय

  • Ranikhet का सबसे व्यस्त मार्केट 
    इन सब के अलावा रानीखेत में और भी कई घूमने लायक जगह हैं। सदर मार्केट रानीखेत का सबसे व्यस्त और शॉपिंग करने का मुख्य केंद्र है। मार्केट के दोनो ओर कई छोटे-बड़े होटल, रेस्तरा और कई तरह की दुकानें हैं। यह जगह रानीखेत की सबसे ज्यादा व्यस्त जगह मानी जाती हैं। इस बाजार में विशिष्ट संस्कृति की कढ़ाई के कपड़े लोगों द्वारा बहुत पसंद किए जाते हैं। इस बाजार के होटलों में उचित मूल्य पर स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजन भी मिलते हैं। जिनका हम स्वाद ले सकते हैं और इस मार्केट में कई तरह के सामान भी उपलब्ध है।रानीखेत में हर मौसम में घूमने जा सकतें हैं
    गर्मियों में घूमने का सबसे अच्छा विकल्प रानीखेत हैं। क्योंकि यह शहर काफी शीतलता प्रदान करता हैं। वैसे तो रानीखेत का हर मौसम में घूमने का आनंद ले सकते है। Ranikhet में घूमने का सबसे अच्छा वक्त मार्च से जून तक का होता है। रानीखेत जाने व घूमने के लिए ठंड और बारिश का मौसम सही नहीं रहता। अगर ठंड में जाना चाहें हैं तो सितम्बर से नवंबर के बीच जा सकतें है। रानीखेत हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पंहुचा जा सकता हैं।रानीखेत नहीं देखा तो क्या देखा

“उत्तराखण्ड”-अगर धरती का स्वर्ग कहें तो गलत नही होगा
“जय देवभूमि उतराखण्ड

Leave a Reply

Top
error: Content is protected !!