नैनीताल के ऐसे डीएम जिन्होंने यहां तक का सफर तय करने के लिए 25 रुपये की मजदूरी तक की cover story story by TeamYouthuttarakhand - April 1, 2018April 1, 2018 कम ही लोगो को पता होगा की अपने बुलंद होसलो और मजबूत इरादों से विनोद कुमार सुमन ने कामयाबी पायी है हौंसले बुलंद हों तो कामयाबी जरूर मिलती है। जिनके इरादे मजबूत होते हैं उनकी राह में गरीबी भी बाधा नहीं डाल पाती। 1997 में पीसीएस और 2008 बैच के आईएएस अधिकारी विनोद कुमार सुमन नैनीताल जिले के जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन के पिता कालीन बुनते थे। 1989 में वह बिना बताये श्रीनगर गढ़वाल आ गये। यहां उन्होंने एक सुलभ शौचालय के निर्माण में 25 रुपये की मजदूरी की। आज वही इंसान आईएएस है और इस समय नैनीताल जिले के डीएम हैं। नैनीताल के 16वें डीएम के रूप में कामकाज संभाला है विनोद कुमार सुमन इससे पहले चमोली, अल्मोड़ा के डीएम भी रह चुके है। विनोद कुमार सुमन की सफलता की कहानी भी आज के युवाओं को प्रेरणा दे सकती है। विनोद कुमार सुमन इंटरमीडिएट करने के बाद अपने ही दम पर मंजिल पाने के जुनून में भदोही से अपने माता-पिता को छोड़कर श्रीनगर गढ़वाल निकल आए और वहां कई महीने मजदूरी करके गुजारा किया। श्रीनगर में कठिन संघर्ष करके ग्रेजुएशन किया और आखिरकार पीसीएस की परीक्षा में सफल हुए। भदोही निवासी विनोद कुमार सुमन ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई विभूति नारायण राजकीय इंटर कालेज ज्ञानपुर (भदोही) से की। स्नातक में परिजनों ने इलाहाबाद में प्रवेश दिलाया लेकिन उनका मन नहीं लगा। वह सोचते थे कि वहां रहकर प्रशासनिक सेवा में सफल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने पढ़ाई के लिए बाहर जाने की इच्छा जताई लेकिन घर के लोग राजी नहीं हुए। इस पर उन्होंने अपने ही दम पर कुछ करने की ठान ली।टीम यूथ उत्तराखंड की ओर से बहुत बहुत शुभकामनाये शेयर और कमेंट करना न भूले | देवभूमि उत्तराखंड के रंग यूथ उत्तराखंड के संग🙏 टीम यूथ उत्तराखंड Share on Facebook Share Share on TwitterTweet Share on Pinterest Share Share on LinkedIn Share Share on Digg Share