कुमाँऊ का इतिहास kumaon by TeamYouthuttarakhand - April 14, 2020April 14, 2020 कुमाँऊ शब्द की उत्पत्ति कुर्मांचल से हुई है जिसका मतलब है कुर्मावतार (भगवान विष्णु का कछुआ रूपी अवतार) की धरती। कुमाँऊ मध्य हिमालय में स्थित है, इसके उत्तर में हिमालय, पूर्व में काली नदी, पश्चिम में गढवाल और दक्षिण में मैदानी भाग। इस क्षेत्र में मुख्यतया ‘कत्यूरी’ और ‘चंद’ राजवंश
गढ़वाल में राजपूत जातियों का इतिहास story Story Historical by TeamYouthuttarakhand - April 10, 2020April 10, 2020 गढ़वाल क्षेत्र में निवास करने वाली राजपूत जातियों का इतिहास काफी विस्तृत है। यहां बसी राजपूत जातियों के भी देश के विभिन्न हिस्सों से आने का इतिहास मिलता है। 1-परमार (पंवार)-इनकी पूर्व जाति परमार है। ये यहां धार गुजरात से सम्वत 945 में आए। इनका गढ़ गढ़वाल राजवंश है। 2-कुंवरः ये पंवार
उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत भिटोली और यादें अतीत की Culture by TeamYouthuttarakhand - March 19, 2020March 19, 2020 उत्तराखंड की सांस्कृति भिटौली उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में हर साल चैत्र में मायके पक्ष से भिटौली दी जाती है। इसे चैत्र के पहले दिन फूलदेई से पूरे माहभर तक मनाया जाता है। भिटौली का सामान्य अर्थ है भेंट यानी मुलाकात करना। उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों, पुराने समय में संसाधनों
ताड़केश्वर धाम, पौड़ी गढ़वाल. Spiritual by TeamYouthuttarakhand - March 15, 2020March 17, 2020 जै ताड़केश्वर महादेव धाम ताड़केश्वर धाम, पौड़ी गढ़वाल. ताड़केश्वर महादेव ताड़ के विशाल वृक्षों के बीच में स्थित एक ऐसा प्राचीन तथा पौराणिक मंदिर है उत्तराखंड को महादेव शिव की तपस्थली भी कहा जाता है। भगवान शिव इसी धरा पर निवास करते हैं। इसी जगह पर भगवान शिव का एक मंदिर
बोंगाड , पाँखू बेरीनाग पिथौरागढ़ की होली का रजिस्टर बोंगाड गाँव kumaon by TeamYouthuttarakhand - March 5, 2020March 5, 2020 बोंगाड , पाँखू बेरीनाग पिथौरागढ़ की होली का रजिस्टर बोंगाड गाँव की कई साल पुरानी होली का विवरण मिलता है यह रजिस्टर 1981 की है , बुजरगु का कहना है कि इससे पहले की रजिस्टर खराब हो गई थी तभी इस नई रजिस्टर का निर्माण किया गया है इसमें 1981
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ Spiritual by TeamYouthuttarakhand - March 2, 2020March 2, 2020 🚩ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ🚩 🙏🙏 धरोहरों की श्रृंखला ऊखीमठ स्थित पंच गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर🚩 देश-दुनिया का यह एकमात्र मंदिर शेष है, जिसका निर्माण अति प्राचीन धारत्तुर परकोटा शैली में हुआ है। उत्तराखंड हिमालय में इस स्थित इस मंदिर में शीतकाल के दौरान बाबा केदार के साथ ही द्वितीय केदार बाबा मध्यमेश्वर भी विराजते
उत्तराखंड के कुटी गांव का नजारा Culture kumaon by TeamYouthuttarakhand - January 31, 2020January 31, 2020 उत्तराखंड का एक ऐसा अनोखा गांव कहते है की जिंदगी अपने ढंग से जीने का एक अलग ही मज़ा है कुटी गांव उत्तराखंड: धारचूला के व्यास वैली का खूबसूरत गांव कुटी 12'500 फिट की ऊंचाई में स्थित हैं. गांव में आय का मुख्य साधन कृषि हैं.कुटी से ही16 किमी का
देवप्रयाग Culture by TeamYouthuttarakhand - January 14, 2020 देवप्रयाग भारत के उत्तराखण्ड राज्य में स्थित एक नगर एवं प्रसिद्ध तीर्थस्थान है। यह अलकनंदा तथा भागीरथी नदियों के संगम पर स्थित है। इसी संगम स्थल के बाद इस नदी को पहली बार 'गंगा' के नाम से जाना जाता है। यहाँ श्री रघुनाथ जी का मंदिर है, जहाँ हिंदू तीर्थयात्री
कल्पेश्वर मन्दिर जहां पूरी होती हैं मन की इच्छा Spiritual by TeamYouthuttarakhand - December 22, 2019December 22, 2019 कल्पेश्वर मन्दिर उत्तराखण्ड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मन्दिर उर्गम घाटी में समुद्र तल से लगभग 2134 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस मन्दिर में 'जटा' या हिन्दू धर्म में मान्य त्रिदेवों में से एक भगवान शिव के उलझे हुए बालों की पूजा की जाती
पहाड़ी डिश कंडाली का साग kumaon by TeamYouthuttarakhand - December 14, 2019December 14, 2019 सर्दी की सर्वश्रेष्ठ पहाड़ी डिश कंडाली का साग पुराने समय में जब सब कुछ बर्फ के नीचे दबकर नष्ट हो जाता था, तो एक चीज थी जिसपर बर्फ का कोई असर नहीं होता था वह थी कंडाली/ बिच्छू घास(Nettle Leaf) जिसका वानस्पतिक नाम अर्टिका पर्वीफ्लोरा है। बिच्छू घास पूरी तरह कांटों